मुश्किल हो चाहें जितना रास्ता न बदलेगा

मुश्किल हो चाहें जितना रास्ता न बदलेगा।
हमारे दिल की जिद्द है कि अरमाँ न बदलेगा।।

नाहक ही नहीं तोड़ा गया नामुराद आखिर।
कहता था आईना कि वो चेहरा न बदलेगा।।

अदने को क्या अदना कहना न छोड़ेंगें।
क्या इन बड़े लोगों का सलीका न बदलेगा।।

अव्वल नहीं आखिर नहीं दरम्याँ नहीं।
तुम्ही कहो कि वक्त ये कहाँ न बदलेगा।।

तकदीर की तहरीर को पढता है बार बार।
लिखा है कि तकदीर का लिखा न बदलेगा।।

बज्मेगदागरान का बदलेगा न माहौल।
राकिम क्या कभी भूख का मुद्दा न बदलेगा।।