जगजीत सिंह तुम्हारी गुलूकारी को सलाम

खिदमत गजल की करते रहे उम्रभर तमाम
जगजीत सिंह तुम्हारी गुलूकारी को सलाम

सूरज की चमक चार पहर चाँद की भी चार
आठो पहर चमकता रहेगा तुम्हारा नाम

वैसे तो गाने वाले बहुत दुनिया में हुए
जगजीत सिंह का था अलग अंदाजे खुशखिराम

औलाद का गम दिल में अपने दफ्न करके तुम
करते रहे रंगी जा ब जा गजल की शाम

मजबूर गरीबों बुजुर्गों बच्चों की मदद
तुमने किये जमाने में बहुत से नेक काम

जग जीत कर चले गये जगजीत जग से तुम
करता रहेगा सारा जग तुम्हारा एहतिराम



गुलूकारी-गायकी, अंदाजे खुशखिराम-धीरे धीरे गाने का अंदाज