हैं लोग जालिमों1 के परस्तार2 यहाँ पर
कमजोर की है जिन्दगी दुश्वार3 यहाँ पर
मशविरा4 है छोड़ दो इंसाफ की उम्मीद
मुंसिफ की शक्ल में हैं गुनहगार यहाँ पर
कुछ यूँ है तजर्बा हमारा इस दयार5 का
कि होता नहीं किसी पे एतबार यहाँ पर
हम हैं बेवकूफ इसका इल्म होते ही
सब के सब हुए हैं होशियार यहाँ पर
कुछ और नहीं है यहाँ तमाशे से सिवा
हैं तरह तरह के किरदार6 यहाँ पर
गैरत7 की बात राकिम यहाँ न कीजिये
है पेट पर सभी के दस्तार8 यहाँ पर
1-आतातायी,अत्याचार करने वाला,2-उपासक,3-कठिन,4-सलाह,5-क्षेत्र,6-पात्र,7-स्वाभिमान,8-पगड़ी